साइकल सवारी करने पर मजबूर...मोदी के मंत्री। Budget ने किया निराश
संसद में बजट आया और दूसरे ही दिन केंद्रीय मंत्री जी साइकल पर आ गए।
बड़ी आशा थी, देश को इस बजट से लेकिन हाथ लगा उफ्फ़.. बाबा जी का ठुल्लू।
धक्का इधर ही नही उधर भी लगा।
जनाब हैं ..केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया।
साहब, संसद के लिए निकले तो साइकल सवारी बनी ।
अब भैया मंत्री जी को भी आशा थी..बजट में महंगाई से राहत मिलेगी। लेकिन उफ्फ, मामला ..ढाक के तीन पात निकला। तो मंत्री बाबू भी..पस्त पड़ लिए।
बड़े नेता हुए तो क्या हुआ...? महंगाई का असर थोड़ा तो पड़ता है...। समझदारी दिखाई और अपनी रामप्यारी को झाड़ पोंछ कर..चढ़ लिए।
अब आप क्या सोच रहे हैं। अरे न बाबू कुछ न होने वाला।
आशा को पकड़ो और हाशिये पर पटको। मंत्री बाबू से सीखो ..और उफ्फ़.. शांति पकड़कर...अपने काम से लग जाओ
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